पहलगाम हमला : भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, अटारी बॉर्डर भी हुआ बंद

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक आयोजित
डेस्क:-जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले के बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए जिसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया गया है।         इसके साथ ही अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फ़ैसला किया गया है। प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को चरमपंथी हमला हुआ था इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सीसीएस की बैठक में लिए गए फ़ैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित रखने का फ़ैसला किया है। यह फ़ैसला तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय ढंग से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता है। भारत ने अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फ़ैसला किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि जो लोग मान्य दस्तावेजों के आधार पर इधर आए हैं वो इस रूट से 01 मई 2025 से पहले वापस जा सकते हैं। विदेश सचिव ने कहा कि अब पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा छूट स्कीम (एसवीईएस) के तहत जारी वीजा के आधार पर भारत की यात्रा नहीं कर पाएंगे। एसवीईएस के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को पूर्व में जारी किए वीजा रद्द माने जाएंगे। एसवीईएस के तहत जो भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में हैं उन्हें 48 घंटों में भारत छोड़ना होगा। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉ ग्रेटा) व्यक्ति करार दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को भी वापस बुला रहा है। दोनों उच्चायोग में यह पद खत्म माने जाएंगे। दोनोें उच्चायोगों से इन सैन्य सलाहकारों के पांच सपोर्ट स्टाफ को भी वापस ले ले लिया जाएगा। उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से धीरे-धीरे घटाकर 30 कर दी जाएगी। यह फ़ैसला 01 मई 2025 से लागू हो जाएगा।सीसीएस ने देश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा बलों को बेहद चौकस रहने को कहा है। बैठक में कहा गया कि पहलगाम हमलों की साजिश रचने वालों के ख़िलाफ़ पूरी कार्रवाई की जाएगी। जिस तरह से तहव्वुर राना को भारत लाया गया उसी तरह भारत के ख़िलाफ़ चरमपंथी कार्रवाई करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। उधर पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बात की। उन्होंने भारत के साथ एकजुटता ज़ाहिर करते हुए घटना की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना ज़ाहिर की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चरमपंथी हमले की कड़ी निंदा की और इस जघन्य हमले के दोषियों को इंसाफ़ के कटघरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त किया है। भारत और अमेरिका चरमपंथ के ख़िलाफ़ लड़ाई में एक साथ खड़ा है। इससे पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “कश्मीर से अत्यंत दुखद खबर आ रही है। चरमपंथ के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों को हमारा पूर्ण समर्थन है और गहरी सहानुभूति है।” भारत का दौरा कर रहे अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने मंगलवार को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में हम इस देश और यहां के लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं। इस भयानक हमले में हमारे संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।” इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसे बर्बर हमला बताया और चरमपंथ के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने की बात कही है। उन्होंने कहा कि “मेरे दोस्त नरेंद्र मोदी, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में बर्बर चरमपंथी हमले से मैं गहरे तौर पर दुखी हूं, जिसमें दर्जनों निर्दोष लोग मारे गए और घायल हुए हैं।          हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में इसराइल भारत के साथ खड़ा है।” “पहलगाम में चरमपंथी हमले ने कई निर्दोष जानें ले लीं। नरेंद्र मोदी और शोक मना रहे हर भारतीयों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मुझे पता है कि भारत की इच्छा शक्ति अटूट है। आप इस मुश्किल घड़ी में मजबूती के साथ खड़े रहेंगे और यूरोप आपके साथ खड़ा है।” जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की है। एक्स पर लिखे संदेश में मंत्रालय ने कहा है कि इस मुश्किल घड़ी में जर्मनी भारत के साथ खड़ा है, “पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”

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