जिले में जल्द शुरू होगा 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान, तैयारी शुरू

बक्सर:-राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) को गति देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। टीबी उन्मूलन को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में जल्द ही 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान शुरू किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इस क्रम में राज्य मुख्यालय के द्वारा जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारियों व कर्मियों का प्रशिक्षण भी शुरू किया जा चुका है। इसके बाद जिला व प्रखंड स्तर पर अधिकारियों, चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने बताया कि इसके पूर्व राज्य के 10 जिलों में 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान चलाया गया था। दूसरे चरण के तहत बक्सर समेत अन्य जिलों में अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के साथ साथ अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही, जिले के सभी प्रखंडों के सभी उच्च जोखिम वाले समुदाय में टीबी स्क्रीनिंग और जांच करना सुनिश्चित किया जाए। 100 दिवसीय अभियान के दौरान प्रतिदिन आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से कम से कम 12 चिन्हित उच्च जोखिम वाले चिह्नित मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में सी- बैक फार्म भर कर जागरूक किया जाएगा। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा प्रतिदिन 100 उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों में टीबी स्क्रीनिंग कर निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
100 दिवसीय अभियान से कार्यक्रम के उद्देश्य को गति मिलेगी:-जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि फिलवक्त जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर जिले के सभी 139 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में आगामी दिनों में शुरू होने वाले 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान से कार्यक्रम के उद्देश्य को गति मिलेगी। 100 दिन के कार्यक्रम के दौरान अधिक से अधिक लोगों का जांच और स्क्रीनिंग किया जाए। इसके लिए भी प्रयासों को तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य निदान और उपचार सहित कई अन्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, समाज के निचले तबके के लोगों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसमें सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों सहित समाज या शिक्षा से वंचित के अलावा हाशिए पर रहने वाले समुदाय और मधुमेह, एचआईवी और कुपोषण जैसी सह- रुग्णता वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की जाएगी निर्धारित:-डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में संभावित टीबी रोगियों की पहचान (स्क्रीनिंग), जांच, उपचार, निक्षय पोषण योजना और निक्षय मित्र के माध्यम से पोषण किट का आपूर्ति की जाएगी। इन कार्यों में सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्धारित करने के लिए सभी प्रखंडों को निर्देशित किया जाएगा। साथ ही, अभियान के दौरान अधिक से अधिक टीबी मरीजों की पहचान और जांच के अलावा अन्य सभी कार्यों को शत प्रतिशत पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है। इसकी जांच और उपचार समय पर नहीं किया जाए तो एक दूसरे से संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार या बलग़म में खून का आना, वजन में कमी, भूख नहीं लगने की शिकायत हो तो स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराना चाहिए। ताकि समय रहते उसका इलाज किया जा सके।

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