रोजगार, परिवहन और सामुदायिक भवनों की मांग पर महिलाओं की प्रमुख आवाज

सहरसा:- जिले में 18 अप्रैल से शुरू हुए महिला संवाद कार्यक्रम ने व्यापक जनसमर्थन हासिल किया है। अब तक जिले के सभी प्रखंडों में 996 ग्राम संगठनों में यह संवाद आयोजित किया गया, जिसमें 2.5 लाख से अधिक महिलाओं, किशोरियों और पुरुषों ने भाग लिया।           महिलाओं ने न केवल अपनी समस्याओं को सामने रखा, बल्कि अपने सपनों और आकांक्षाओं को भी खुलकर साझा किया। कार्यक्रम ने महिलाओं को अपनी बात रखने का एक प्रभावी मंच दिया। उन्होंने रोजगार, स्वास्थ्य, परिवहन और सामुदायिक विकास से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया । कई महिलाओं ने मंच पर आकर अपने संघर्ष और सफलता की कहानियां साझा की। किसी ने सरकारी योजनाओं से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया, तो किसी ने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया। कुछ ने बेटियों की शिक्षा में सुधार लाने की बात की, तो कुछ ने नशामुक्ति जैसे सामाजिक बदलाव की दिशा में सफलता हासिल की।
महिलाओं की प्राथमिक मांगें: रोजगार को महिलाओं ने सबसे अहम प्राथमिकता बताया। उन्होंने गांवों में छोटे उद्योग, सिलाई केंद्र, और अन्य लघु उद्यम स्थापित करने की मांग की। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने अस्पताल, जांच केंद्र और दवाओं की सुगमता सुनिश्चित करने की अपील की। महिलाओं ने परिवहन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें सरकारी बस सेवा, बस स्टैंड और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग प्रमुख रही। स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए हाट बाजार, सामुदायिक भवन, अन्न भंडार, कोल्ड स्टोरेज और विवाह भवन की स्थापना पर भी जोर दिया गया।
महिलाओं की आकांक्षाएं और सुझाव: कार्यक्रम के दौरान अब तक 26 हजार से अधिक आकांक्षाएं दर्ज की गईं। वृद्ध महिलाओं ने पेंशन राशि बढ़ाने की मांग की, जबकि विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए पेंशन में सुधार पर जोर दिया गया। महिलाओं ने सामुदायिक पुस्तकालयों और सामूहिक विकास केंद्रों की स्थापना के साथ कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की आवश्यकता भी जताई। इन सुझावों ने ग्रामीण विकास की दिशा में उनकी सोच और सामूहिक भागीदारी को उजागर किया। राज्य सरकार का सहयोग और प्रेरणा: महिलाओं के बीच राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए लीफलेट्स का वितरण किया गया। इनमें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, जीविका, महिला आरक्षण नीति और अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के नाम भेजे गए प्रेरणात्मक पत्र को हर पंचायत में पढ़कर सुनाया गया। इस पत्र ने महिलाओं को आत्मविश्वास से भर दिया और उनके मन में सरकारी योजनाओं और नीतियों के प्रति विश्वास बढ़ाया।         सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम: ‘महिला संवाद’ ने न केवल महिलाओं को जागरूक किया है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया है। महिलाएं अब समस्याओं की पहचान करने के साथ समाधान सुझाने और सामूहिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाने में सक्षम हो रही हैं। यह कार्यक्रम महिलाओं को उनके सपनों को दिशा देने के साथ-साथ ग्रामीण विकास की धुरी के रूप में सशक्त बना रहा है।

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