संवाद कार्यक्रम से महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

मौसम के उतार-चढ़ाव के बावजूद महिलाओं का उत्साह बना हुआ है, अब तक 1215 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित
3 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं कार्यक्रम से
33271 आकांक्षाओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किया गया
सहरसा:-राज्य भर में महिला संवाद कार्यक्रमों का सिलसिला पिछले 52 दिनों से लगातार जारी है। इसी क्रम में जिले के अलग-अलग प्रखंडों में आज कुल 24 स्थानों पर यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए।           अब तक 1215 स्थानों पर इस कार्यक्रम का आयोजन संपन्न हो चुका है, जिसमें 3 लाख से अधिक महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई है। प्रतिदिन 24 ग्राम संगठनों में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में औसतन 6 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हो रही हैं। इन संवाद कार्यक्रमों के दौरान महिलाओं की आकांक्षाओं को डिजिटल माध्यम से मोबाइल ऐप पर दर्ज किया जा रहा है। अब तक कुल 33,271 आकांक्षाओं को रिकॉर्ड किया गया है।        सरकार इन आकांक्षाओं को गंभीरता से ले रही है और इन्हें विभागों के बीच वर्गीकृत कर संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है। महिलाओं द्वारा व्यक्त किए गए मुद्दों में सामाजिक हित से जुड़े विषय प्रमुख हैं। सामुदायिक सुविधाओं में विस्तार, कुपोषण उन्मूलन, और रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसे विषयों को प्राथमिकता दी जा रही है।          महिषी प्रखंड के आरापट्टी पंचायत में मुरली आरापट्टी गाँव स्थित दर्शन जीविका ग्राम संगठन के महिला संवाद कार्यक्रम में भाग लेते हुए कुन्ती देवी ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने से महिलाओं को उनके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलेगी।            इसी तरह, पतरघट प्रखंड के धबौली पश्चिमी पंचायत में माँ जगदम्बा जीविका ग्राम संगठन द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में रेखा कुमारी ने लड़कियों के लिए खेल सुविधाओं के विकास की आवश्यकता पर बल दिय। उन्होंने कहा, ग्रामीण स्तर पर खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जिससे यहाँ की बेटियाँ भी खेलों में बिहार का नाम रौशन कर सकें।                                                    जिले में आयोजित इन संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं अपनी आकांक्षाओं को सामने रख रही हैं और सरकार से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की अपेक्षा कर रही हैं। यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें सामूहिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर भी दे रहा है।

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