भारत में जनगणना का कार्य 2027 में होगा शुरू, पहली बार जातियों की भी होगी गिनती

दो चरणों में होगा सेंसस, मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर डिजिटल होगा काम
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पहले चरण में मकान और परिसंपत्ति की होगी गिनती, दूसरे चरण में गिने जाएंगे लोग
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गृह मंत्री ने 2027 की जनगणना के लिए जारी की अधिसूचना
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डेस्क:-लंबे इंतज़ार के बाद देश में जनगणना का काम शुरू होने जा रहा है। हर दस साल पर होने वाली जनगणना 2021 में होनी थी। लेकिन कोविड महामारी के चलते उसे टाल दिया गया था।अब सरकार ने 2027 में जनगणना कराने का ऐलान किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए आधिकारिक अधिसूचना आज जारी कर दी है।          अधिसूचना जारी होने के साथ ही जनगणना की औपचारिक शुरुआत हो गई। 1872 में जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से यह 16 वीं जनगणना है जबकि आज़ादी के बाद 08 वीं बार नागरिक गिने जाएंगे। 2011 की तरह ही इस बार भी जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना ( House Listing) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में प्रत्येक घर में रहने वाले हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और उनसे जुड़े अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। पहला चरण अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच चलने की संभावना है। दूसरा चरण फरवरी 2027 में शुरू होकर 01 मार्च की मध्यरात्रि में खत्म होने की उम्मीद है। हालांकि केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू कश्मीर , हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के बर्फीले इलाकों में दूसरे चरण का काम 01 अक्टूबर 2026 को मध्यरात्रि तक ही पूरा कर लिया जाएगा।                           इस बार की जनगणना प्रक्रिया ख़ास है क्योंकि भारत की आज़ादी के बाद पहली बार जनगणना में जातियों की गिनती भी की जाएगी। इसके लिए जनगणना की प्रश्नावली में जाति का एक नया कॉलम बनाया गया है। जाति की गिनती पिछले कुछ सालों से एक बड़ा राजनीतिक और चुनावी मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ आरजेडी और समाजवादी पार्टी जैसी विपक्षी पार्टियां लागतार सरकार पर जाति जनगणना करने का दबाव बना रही थी। जनगणना कार्य के लिए इस बार लगभग 34 लाख गिनती करने वाले कर्मी और पर्यवेक्षक तथा करीब 01.03 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे।          जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिसूचना जारी करने के पहले एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और भारत के रजिस्ट्रार जनरल मृत्युंजय कुमार नारायण के अलावा कई अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।

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