सर्वण युवक का बना मनरेगा जॉब कार्ड, जिस पर महादलित महिला का नाम हुआ अंकित, अब उठा ली गई आवास योजना और मनरेगा योजना की राशि

– आरटीआई मांगने पर बीडीओ दे रहे हैं आधी अधूरी जानकारी

सहरसा:-इंदिरा आवास और मनरेगा योजना सरकारी अधिकारी, बिचौलिया और दलाल के लिए लूट का अड्डा आज भी बना हुआ है। जहां रोज नए नए तरह की गड़बड़ी, बेईमानी और घूसखोरी का नजारा दिखाई पड़ता है। कुछ ऐसा ही नया नजारा दिखा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र के चकभारों पंचायत स्थित पहाड़पुर गांव में, जहां स्वर्ण जाति से आने वाले तुषार रंजन का पहला मनरेगा जॉब कार्ड खोला गया। जिस पर दूसरे वार्ड की महादलित महिला पिंकी देवी का नाम अंकित किया गया। फिर पिंकी देवी के पति के बदले उनके ससुर सूरज सादा का नाम पति के रूप में अंकित किया गया। फिर सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के आवास सहायक, दलाल और प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मिलीभगत कर पिंकी देवी के नाम से पीएमएवाईजी योजना के तहत आवास की राशि स्थांतरित की गई। फिर उक्त राशि का निकासी भी कर लिया गया। इतना ही नहीं इस दौरान मनरेगा जॉब कार्ड में भी जमकर राशि भेजी गई। जिसे भी आवास सहायक, दलाल और प्रखंड विकास पदाधिकारी के मिलीभगत से उठा लिया गया। वहीं तुषार रंजन उक्त किसी भी मामले से अनभिज्ञ बने रहे। हालांकि जैसे ही उन्हें सूचना मिली। उनके पिता संजीव श्रीवास्तव उर्फ संजीव रंजन ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर और अनुमंडल पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर से आरटीआई के माध्यम से उक्त मामले की जानकारी मांगी। लेकिन उनके द्वारा आरटीआई द्वारा मांगी गई जानकारी के बाद आवास सहायक, प्रखंड विकास पदाधिकारी और दलाल हरकत में आए। अब अपने द्वारा किए गए घोटाला और घूसखोरी की बात को छिपाने के लिए आरटीआई से मांगी गई जवाब को तोड़- मड़ोर कर दिया गया। जिससे कोई नया मामला खड़ा न हो। लेकिन उनके जवाब से असंतुष्ट होकर पीड़ित के पिता ने अब मुख्यमंत्री सहित कई आला अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजा है। उनका दावा है कि अगर सही से जांच हो तो घोटाले का उजागर होगा। करोड़ की सरकारी राशि के बंदर बांट का भी मामला सामने आना तय है।                                             क्या कहते हैं पीड़ित के पिता:-पीड़ित के पिता संजीव श्रीवास्तव पूर्व संजीव रंजन ने बताया कि उनके पुत्र तुषार रंजन के मनरेगा जॉब कार्ड संख्या-4200 पर पिंकी देवी का नाम अंकित कर पीएमएवाईजी के अंतर्गत आवास और मनरेगा योजना की राशि का निकासी किया गया था। जबकि पिंकी देवी से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है। उक्त सभी कार्य स्थानीय बिचौलिया, बीडीओ और आवास सहायक की मिलीभगत से हुई है। जिन्होंने आवास योजना और मनरेगा योजना की सारी राशि की उगाही कर लिया है। वे सर्वण और पिंकी है महादलित:-उन्होंने आगे बताया कि पिंकी देवी महादलित परिवार से संबंध रखती है। जबकि वे सवर्ण जाति से आते हैं। ऐसे में पिंकी देवी से उनका या उनके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। दूसरे वार्ड की है पिंकी देवी:-वहीं उन्होंने बताया कि उनका पुत्र तुषार रंजन चकभारो पंचायत के पहाड़पुर गांव, वार्ड नंबर-3 का स्थाई निवासी है। जबकि पिंकी देवी उक्त गांव के ही वार्ड नंबर- 1 की रहने वाली है। बीडीओ दे रहे हैं गलत जानकारी:-वहीं उन्होंने बताया कि जब उन्हें पुत्र के जॉब कार्ड में धोखाधड़ी की जानकारी मिली। तो उन्होंने बीते 2 जून को आरटीआई के माध्यम से बीडीओ से जवाब मांगा। जिसके आलोक में बीडीओ द्वारा 72/2 पत्रांक के द्वारा जो जवाब दिया। लेकिन उनका जवाब संतोषप्रद नहीं था। ऐसे में उन्होंने एसडीओ सिमरी बख्तियारपुर से भी आरटीआई के माध्यम से उक्त मामले के जानकारी मांगी। लेकिन अब तक वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। पिंकी के पति के बदले ससुर हो गया पति:-उन्होंने आगे बताया कि उनका पुत्र तुषार रंजन के मनरेगा जॉब कार्ड संख्या – बीएच – 21- 014 – 022 – 01067300/4200 पर पिंकी देवी पति सूरज सादा का नाम स्थानीय पदाधिकारी बिचौलियों के मिलीभगत से अंकित किया गया है। जबकि सूरज सादा उनके ससुर है, साथ ही पीएमएवाईजी आईडी कार्ड संख्या – 147383149 पर वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतर्गत आवास योजना एवं मनरेगा की राशि निकासी किया गया। उन्होंने बताया कि अगर सही से जांच हो तो आवाज सहायक, दलाल और बीडीओ की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के सरकारी राशि की लूट का मामला सामने आना तय है।

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