मध्यम कुपोषित बच्चों को भी अब एनआरसी में किया जाएगा भर्ती

पटना:- स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कुपोषण की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव किया है। अब तक केवल गंभीर तीव्र कुपोषण यानि सैम से पीड़ित बच्चों को ही भर्ती करने वाले पोषण पुनर्वास केंद्र का दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार अब मध्यम तीव्र कुपोषित (मैम) बच्चों को भी राज्य के 41 एनआरसी केंद्र में भर्ती किया जाएगा। मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों में रिकेट्स, अनीमिया और विटामिन की कमी या अन्य चिकित्सकीय जटिलताएं पायी जाती है।उनके सैम में परिवर्तित होने का जोखिम अधिक रहता है। ज्ञात हो कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के मुताबिक राज्य में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में दुबलेपन की दर 22.9 प्रतिशत है। जबकि सीवीयर दुबलेपन की दर 8.8 है। अंतरराष्ट्रीय जर्नल द लैंसेट, पेडियाट्रिक्स और मैटरनल एंड चाइल्ड न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययनों ने साबित किया है कि गंभीर कुपोषण से निपटने के लिए केवल उपचार ही नहीं, बल्कि प्रारंभिक पहचान और रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। मैम बच्चों को एनआरसी में लाना इसी प्रारंभिक पहचान रणनीति का हिस्सा है।
आईजीआईएमएस,पटना में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रिजवान अहमर कहते हैं कि “मध्यम कुपोषित बच्चों को एनआरसी में शामिल करने का फैसला ‘देर से उपचार’ की जगह ‘जल्दी हस्तक्षेप’ की नीति को दर्शाता है। यह एक निवारक कदम है, जो बच्चों को गंभीर कुपोषण के भयावह जाल में फंसने से रोकेगा और राज्य में बाल स्वास्थ्य संकेतकों को सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।” गंभीर कुपोषण में बदलने से रोकने की पहल:-स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को जानलेवा स्थिति में पहुँचने से पहले ही सुरक्षित करना है। इसके तहत सभी स्तर के स्वास्थ्य संस्थान एवं समुदाय स्तर पर चित्सिकीय जटिलता युक्त मैम बच्चों की स्क्रीनिंग एवं पहचान कर एनआरसी केंद्र पर रेफर किया जाएगा। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों के पोषण स्तर में सुधार,आवश्यक आहार,वजन वृद्धि, संक्रमण दर में कमी को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक एवं प्रभावी कदम उठाए जाएगें। ताकि पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में कुपोषण से होने वाली मृत्यु एवं बीमारी में कमी लाने महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त होगा।

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