एमडीए कार्यक्रम का हुआ आगाज, जिलाधिकारी ने दवा खाकर की शुरुआत

सहरसा:-लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आगाज जिलाधिकारी वैभव चौधरी व सिविल सर्जन डॉ. मुकुल कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।          मौके पर जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन ने खुद दवा खाकर अभियान की शुरुआत की। साथ ही लोगों से अपील किया की फाइलेरिया या हाथी पांव कुरूपता और अपंगता की बीमारी है। इससे बचाव का सबसे सरल और आसान उपाय है कि साल में एक बार चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड के दौरान पांच साल तक लगातार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया जाए। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम जब किसी के घर जाए तो उसके सामने दवा का सेवन अवश्य करें।          सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन अगले 17 दिन तक किया जाएगा । जिसमें तीन दिन बूथ स्तर पर तथा 14 दिन घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी. कार्यक्रम के दौरान दो फाइलेरिया मरीज को दिव्यंगता प्रमाण पत्र एवं एमएमडीपी कीट का विवरण किया गया. कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में आइसीडीएस, जीविका, शिक्षा, पंचायतीराज, नगर निकाय एवं अन्य विभागों के अलावे विश्व स्वास्थ्य संगठन, पिरामल,पीसीआइ और सीफार जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग को सहयोग प्रदान कर रही हैं। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है फाइलेरिया:-कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. मुकुल कुमार ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है।                                                      कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्र सहित सभी प्रखंडों में लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा:-जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लोगों को बूथ स्तर पर तथा घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी।           उन्होंने बताया 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, प्रसव पश्चात सात दिनों तक और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाई जानी है।इस प्रकार करना है दवा का सेवन:-जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 15 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है।          कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ एसपी विश्वास, जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय रंजन, डीसीएम राहुल किशोर, डीएमएनई प्रणव कुमार, पिरामल से नसरीन बानो और उनकी टीम, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार राजेश कुमार, भीडीसीओ प्रवीण कुमार सीफार के राकेश रोशन, पीसीआई के जिला कोऑर्डिनेटर सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।

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