जातिगत सर्वे कराकर नीतीश-लालू ने जमीन पर पड़े कीचड़ को अपने मुंह पर लगा लिया:-प्रशांत किशोर

अररिया:-जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर गुरुवार को अररिया के नेताजी सुभाष स्टेडियम में पहुंचे। इस दौरान इन्होंने जातिगत जनगणना पर कहा कि ये नीतीश कुमार का प्रयास था कि एक बार इसका राजनीतिकरण करके इसका फायदा उठाया जाए। मैं पहले दिन से कह रहा हूं इसका कोई राजनीतिक फायदा नहीं मिलेगा। इसका प्रमाण ये है जो नीतीश कुमार जातिगत जनगणना कराकर प्रधानमंत्री बनने गए थे वो फिर भाजपा में शामिल हो गए।         अगर, जातिगत सर्वे का चुनावी फायदा होता तो नीतीश बाबू क्यों भाजपा में शामिल होते? जातिगत जनगणना में एक और महत्वपूर्ण बात ये है, जातिगत सर्वे जो बिहार में हुआ वो क्या दिखाता है? जिन जाति-समूहों के पिछड़ा होने की बात पिछले 40-50 साल में कही जा रही है ,उन जातिगत समूहों की आर्थिक-सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। ये नीतीश कुमार, लालू जी ने जमीन पर पड़े हुए कीचड़ को अपने मुंह पर लगा लिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अब सवाल ये होना चाहिए कि 30-32 साल से जिन जाति-समूहों के नाम पर आपने राजनीति की, जिनको बल देने, आवाज देने, शिक्षा देने के नाम पर आप गद्दी पर बैठे उनकी स्थिति तो बदली नहीं,तो इतने दिनों से आप बेवकूफ बना रहे थे। ये हकमारी की किसने? पूरे बिहार में 32 साल से बिहार में राज कर कौन रहा है? लालू-नीतीश कर रहे हैं। तो किसने इन्हें रोका है कि मुसलमानों को-पसमांदा समाज के लोगों को आप गृह मंत्री बना दीजिए? किसने नीतीश कुमार को रोका है कि किसी महादलित को फाइनेंस मिनिस्टर बना दीजिए, सड़क का मंत्री बना दीजिए, शिक्षा मंत्री बना दीजिए। किसी अति पिछड़ा समाज के लोगों को आप जल संसाधन मंत्री बना दीजिए। किसी को आज तक इन्होंने बनाया? लेकिन, जब सरकार बनती है तो जितने बड़े विभाग हैं ,उसपर तेजस्वी यादव रहते हैं, नीतीश कुमार रहते हैं। 18 साल में नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय नहीं छोड़ा। किसी अति पिछड़ा को गृह मंत्रालय दे दो? लालू जी 15 साल, 16 साल सत्ता में रहे किसी मुसलमान को गृह मंत्री, पथ निर्माण मंत्री, शिक्षा मंत्री नहीं बनाया। ये तो बेवकूफ बनाकर वोट लेने की बात है। जातिगत सर्वे कराकर इन्होंने ये दिखाया, उपर वाले ने इनसे इनके हाथ से ये करवा दिखा कि तुमने इन समाज के लोगों का एक्सप्लोइटेशन किया, इनको बेवकूफ बनाया, इनके लिए किया कुछ नहीं। इसलिए आपने देखा कि जातिगत सर्वे के आंकड़े आने के बाद समाज में राजनीतिक-सामाजिक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी। लोग शून्य हैं, लोगों को मालूम है कि उन्हें बेवकूफ बनाने का काम किया गया। बता दें कि प्रशांत किशोर ने अररिया में नेताजी सुभाष स्टेडियम में जन सभा को संबोधित करने के साथ जिले के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक भी की।फैसल जावेद यासीन ने अपने 150 कार्यकर्ता के हस्ताक्षर के साथ जन सुराज से जुड़े। वहीं फैसल यासीन ने बताया कि हम सभी लोग “जन सुराज” अभियान के माध्यम से जनता के सुन्दर राज का सपना देखने लगे हैं।           वही प्रशांत किशोर जी से प्रेरित होकर अररिया का मुद्दा के संरक्षण सदस्य फैसल जावेद यासीन के अध्यक्षता में अपने सभी सदस्यों के साथ पीके के समक्ष देश, राज्य एवं बिहार हित में  जन-सुराज की सदस्यता ग्रहण किए। फैसल यासीन ने बिहार सहित अररिया के विकास में जन-सुराज मील का पत्थर साबित होगा।

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