अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करते हुए एनआरसी में भर्ती कराना जरूरी:- डीपीओ

आरा:-जिले को कुपोषण से मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिले में पोषण पखवाड़ा का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित कृषि भवन के सभागार में पोषण समिति की बैठक की गई।            इस दौरान आईसीडीएस की डीपीओ माला कुमारी ने सभी सीडीपीओ और पर्यवेक्षिकाओं को पखवाड़ा के दौरान होने वाली गतिविधियों के उद्देश्य के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि विभाग का मुख्य उद्देश्य जिले से कुपोषण को हर हाल में मिटाना है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा। साथ ही, इस दौरान जिले की सभी परियोजनाओं में अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करते हुए अपने क्षेत्र की आशा से समन्वय स्थापित करते हुए उनको एनआरसी में भर्ती कराना है। ताकि, उनका समय से इलाज कराया जा सके। उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुष्टाहार समय से वितरित किया जाए तथा निर्धारित समय पर बच्चों का वजन मापा जाए। साथ ही, केंद्रों में नामांकित बच्चों के अभिभावकों को पोषण के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया। ताकि, उनमें पोषण की समझ उत्पन्न हो वो अपने बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाएं।            वीएचएसएनडी साइट पर उपलब्ध कराई जाती है अल्बेंडाजोल और आयरन की गोलियां और सिरप:-बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि कुपोषण से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस के समन्वय से वीएचएसएनडी का संचालन किया जाता है। ताकि, आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के स्तर जांच की जा सके और उनका इलाज किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वीएचएसएनडी साइट्स पर अल्बेंडाजोल व आयरन की गोलियां और सिरप पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, सभी परियोजनाओं की सीडीपीओ कार्यालय में अल्बेंडाजोल और आयरन की गोलियां और सिरप उपलब्ध कराई जाएंगी। ताकि, वो आवश्यकता अनुसार अपने परियोजनाओं में इनका वितरण करेंगी। इससे कुपोषण से जंग में काफी सहूलियत मिलेगी। पोषण वाटिका में लगाए जायेंगे पौष्टिक फल और सब्जियों के पौधे:-वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ. पीके द्विवेदी ने मिलेट्स, श्री अन्न एवं नारी प्रोजेक्ट पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज श्री अन्न और मिलेट्स पर ध्यान दिया जा रहा है। ताकि, गर्भवतियों और बच्चों में पोषण के स्तर को बढ़ाया जा सके। मिलेट्स में प्रचुर मात्रा में आवश्यक मिनरल्स और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी जरूरी होते हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा नारी प्रोजेक्ट के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण वाटिका में फल और सब्जियों के उच्चतम पौधे लगाए जायेंगे। जिनके माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को पौष्टिक फल और सब्जियों की आपूर्ति की जाएगी।             वहीं, बैठक में पीरामल स्वास्थ्य के डॉ. असद ने पोषण पखवाड़ा के दौरान होने वाली गतिविधियों की जान आंदोलन के डैश बोर्ड में एंट्री करने और पोषण ट्रैकर में वृद्धि निगरानी की प्रविष्टि की जानकारी दी। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण मिशन के डीसी पियूष पराग यादव, एनएनएम के डीसी नेकी आलम, डीएमसी तैयब अहमद, जीएस कल्याणी कुमारी समेत सभी सीडीपीओ और पर्यवेक्षिकाएं मौजूद रहीं।

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