बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिये विशेष ध्यान देने की जरूरत

बक्सर:-मौसम विभाग ने अभी ही यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार गर्मी काफी सताने वाली है। जिसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है की मार्च माह के अंतिम सप्ताह में ही अप्रैल जैसी गर्मी महसूस हो रही है। जिससे लोगों को परेशानियां बढ़ने लगी हैं। खासकर स्कूली बच्चों को गर्मी के मौसम की चिंता सता रही है। मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 37 डिग्री रहा। लेकिन, फिलहाल उमस के कारण तापमान 42 डिग्री सा महसूस हुआ। तापमान में बढ़ोत्तरी होने से बच्चों में डिहाइड्रेशन की संभावना गई है। ऐसे में बच्चों को गर्मी से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचाने और उन्हें इस भीषण गर्मी में ठंडा रखने के लिए कुछ सुपाच्य और हल्के आहार देना जरूरी है। जिसका इस्तेमाल कर बच्चों को डिहाइड्रेशन या आगामी दिनों में हीट स्ट्रोक के खतरे से सुरक्षित रखा जा सकता है। साथ ही कुछ जरूरी एहतियात भी बरतना जरूरी है, ताकि लू बच्चों को अपनी चपेट में न ले सके। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर ओआरएस के पैकेट उपलब्ध:-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल जाने से पहले बच्चे को जूस, नींबू पानी, ग्लूकोज जैसे तरल पदार्थ जरूर दें। स्कूल से आने के बाद थोड़ी देर रुक कर सबसे पहले फिर से ग्लूकोज, नींबू पानी या जूस दें। स्कूल बैग में बच्चे के लिए पानी का बॉटल हो इस बात का ध्यान रखें। वहीं, स्कूल में समय समय पर पानी पीते रहने के लिये प्रेरित करें। स्कूल से छुट्टी होने के बाद के लिय बच्चों को टोपी और आंखों पर धूप का चश्मा उपलब्ध करायें। यदि यह महसूस हो कि गर्मी के कारण बच्चे की तबीयत खराब हो रही है, तो तुरंत आम पन्ना या ओआरएस बना कर पिलाएं। साथ ही, उल्टी, दस्त या बुखार की शिकायत हो तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें, सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ उठायें। उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों के एमओआईसी को हीट स्ट्रोक से बचाव को उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है।             साथ ही, सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर पर्याप्त मात्रा में ओआरएस के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, आईसीडीएस अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी ओआरएस के पैकेट उपलब्ध है।बच्चों को जरूरी चीजों के सेवन के लिए प्रेरित करना आवश्यक:-एसीएमओ डॉ. कुमार ने बताया कि मौसम के हिसाब से आहार परिवर्तन करना हितकर होता है। विशेष रूप से बच्चों को कुछ जरूरी चीजों के सेवन के लिए प्रेरित करना आवश्यक होता है। नींबू पानी ताजा नींबू के रस, पानी, चीनी और नमक से तैयार किया जाता है। नींबू कई आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे विटामिन सी, विटामिन बी 6 और पोटैशियम से भरपूर होते हैं। शिकंजी हमारे यहां का प्रसिद्ध पारंपरिक नींबू पेय है। वहीं, छाछ को दही, पानी और नमक से बनाया जाता है। छाछ पाचन में सुधार करने में भी मदद करती है। तरबूज में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होने के कारण गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है। तरबूज साइट्रलाइन नामक अमीनो एसिड से भी भरपूर होता है। यह एक आवश्यक अमीनो एसिड है, जो हमारे दिल और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए फायदेमंद होता है।सके अलावा सत्तू खाने या पीने से लू लगने का खतरा काफी कम हो जाता है। लेकिन, सबसे जरूरी बात यह है कि बच्चों को गर्म हवा या दोपहर में घर के बाहर न जाने दें।

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