मनमाने दामों पर मांस व मछली बेचने को लेकर लोगों में आक्रोश

अररिया:- शहर में किसी भी वस्तु का दाम दुकानदार मनमानी तरीके से तय करते हैं उन्हे जो मन करता है वो खुद मूल्य निर्धारित कर सामान बेचते है जिसको देखने वाला कोई नही है। जिसकी मिशाल अभी रमजान के महीने में देखने को मिला, मनमाने तरीके से फल बेचा गया। लगता है बिहार में सबसे ज्यादा फल का दाम अररिया में देखा गया। रमजान खत्म होते ही ईद से ठीक एक दिन पहले मांस का दाम भी मनमाने तरीके से सात सौ रुपया किलो से बढ़ाकर आठ सौ रुपया कर दिया गया, जिसकी लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। अररिया के रफत सानवि, अखलाक आलम, अहद हुसैन, मो करीम, सलाहउद्दीन, इश्तियाक आलम मो गालिब, फारूक आलम आदि ने बताया की हर पर्व त्यौहार में मांस बेचने वाले दुकानदार मनमानी तरीके से दाम बढ़ाकर मांस बेचते है। ग्राहक को कहा जाता है की लेना है तो लीजिए वरना आप कहीं भी जा सकते है।           हर वर्ष होली और ईद मौके पर दुकानदार द्वारा खुलेआम मांस की बिक्री किया जाता है। आखिर इन मनमाने दुकानदारों पर कौन लगाम लगाएगा। हॉस्पिटल के निकट जितने भी मांस दुकानदार हैं उनकी हिटलर शाही खुलेआम देखी जा सकती है। ग्राहकों का कहना है की सबसे पहले ये काम रॉयल मीट शॉप के द्वारा किया जाता है, इसके बाद उसका देखा देखी अन्य दुकानदार भी उसी के तर्ज पर दाम बढ़ाने का काम करते हैं। आखिर इनकी मनमानी पर कौन लगाम लगाएगा। इतना ही नही अररिया सदर अस्पताल के सामने खुलेआम मांस और मछली सड़क पर अतिक्रमण कर बेचा जाता है। अतिक्रमण के कारण हर दिन जाम की समस्या बनी रहती है इतना ही नही हमेशा दुर्घटना भी होते रहती है। टाउन हॉल के सामने खुलेआम मुर्गा बेचा जाता है.जिसकी बदबू से टाउन हॉल के कार्यक्रम में आने वालों को इसकी बदबू से भारी परेशानी होती है। शहर के लोगों ने हॉस्पिटल और टाउन हॉल के सामने से ऐसे दुकान को हटाने की मांग प्रशासन से की। इस संबंध जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से पूछा तो उन्होंने बताया की मांस मछली का मूल्य तय करना नगर परिषद का काम नही है। ऐसे में आखिर अररिया की जनता कब तक ऐसे ही लूटते रहेंगे। जिला प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए। अररिया में लूट मचा रही है मांस बेचने वालों द्वारा इनके पास कोई लाइसेंस भी नहीं है।

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