डीएम ने तपती गर्मी और हीट वेव की विस्तार से की समीक्षा

जमुई:-जिला कलेक्टर राकेश कुमार की अध्यक्षता में भीषण गर्मी एवं लू से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई जिसमें तपती गर्मी और हीट वेव की विस्तार से समीक्षाकी गई। मौके पर आये दिन बढ़ते तापमान के मद्देनजर जन जीवन की सुरक्षा के लिए विभागीय पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को जिले में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पताल, सदर अस्पताल और अनुमंडल अस्पताल में लू से प्रभावित लोगों के ईलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस की पैकेट, आईभी फ्लूड, जीवन रक्षक दवा, आइसोलेशन वार्ड आदि की खास व्यवस्था करने का निर्देश दिया साथ ही लू से बचाव के लिए पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराए जाने की बात कहीl लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया कि जिन स्थानों पर नल का जल नहीं पहुंचता हो वहां टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा खराब चापाकल की शीघ्र मरम्मती की जाए। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि भीषण गर्मी से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।                                   विद्यालय संचालन सुबह की पाली में कराएं अथवा समय पूर्व गर्मी की छुट्टी घोषित की जाए। साथ ही सभी स्कूलों में पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं लू से बचाव हेतु प्रचार -प्रसार कराई जाए। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था एवं वहां पर गर्म हवा और लू से बचाव से के लिए आईईसी (बच्चों को समझने हेतु) सामग्री प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किये जाने हेतु समाज कल्याण विभाग को निदेशित किया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्र पर जीवन रक्षक घोल की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिया। नवजात शिशु , बच्चे , माता एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था कराई जाए। पशु और मत्स्य विभाग को निर्देश दिया गया कि सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधा युक्त स्थान पर गढ्ढा खुदवा कर जल जमा किया जाए ताकि पशु पक्षियों को पेय जल उपलब्ध हो सके। ग्रामीण विकास विभाग को निर्देशित किया गया कि मनरेगा अंतर्गत तालाब, आहर, पोखर आदि जल स्रोतों की खुदाई कराई जाए और इनमें पानी इकट्ठा कर पशु-पक्षियों को पेय जल उपलब्ध कराया जाए। मनरेगा अंतर्गत नामित कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पंचायत में लू चलने के दौरान “क्या करें और क्या ना करें” का प्रचार-प्रसार करने हेतु जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश दिया गया। साथ ही गांवों में पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाने का निदेश दिया गया। इसी क्रम में श्रम अधीक्षक को लू से बचाव हेतु मजदूरों के कार्य स्थल पर पेयजल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। साथ ही खुले में काम करने वाले , भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेय जल की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया। गर्मी के मौसम में लू चलने से वन्य जीव भी प्रभावित होते हैं। सभी वन्य जीव उद्यानों तथा अभ्यारणों में गड्ढे खोदकर जल की व्यवस्था कराने हेतु वन एवं पर्यावरण विभाग को निर्देश दिया गया। जिला अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि भीषण गर्मी के कारण आग लगी की घटनाओं में भी वृद्धि हो सकती है। आग लगने जैसी घटनाओं से निपटने एवं उनके रोकथाम के लिए विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाए। जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह समेत अधिकांश जिला एवं प्रखंड स्तर के अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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