चिकित्सकों ने किया सदर अस्पताल के ओपीडी कार्य का बहिष्कार

प्रतिदिन सदर अस्पताल पहुंचने वाले 1200 मरीज हुए निराश
कोलकाता में हुए महिला चिकित्सक रेप-हत्या मामले को लेकर चिकित्सक ने किया कार्य का बहिष्कार
– इमरजेंसी में हुआ कुछ मरीजों का इलाज

सहरसा:-बुधवार को चिकित्सकों का संघ आईएमए के आह्वान पर सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में नियुक्त चिकित्सक ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया। वे लोग बीते दिनों कोलकाता में हुए महिला चिकित्सक के साथ रेप और हत्या को लेकर आक्रोशित थे। ऐसे में औसतन प्रतिदिन सदर अस्पताल पहुंचने वाले 1200 से अधिक मरीज को निराश होकर वापस घर लौटना पड़ा। हालांकि उनमें से कुछ मरीजों का इलाज इमरजेंसी वार्ड में किया गया। वहीं कुछ मरीज निजी चिकित्सक के क्लीनिक जाकर अपना इलाज करवाया। लेकिन अधिकतर मरीज अब 16 अगस्त शुक्रवार को सदर अस्पताल आने की मंशा लेकर वापस घर लौट गए। क्या कहा मरीज ने:-जिले के नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के कुंदह पंचायत के सतौर गांव निवासी दीनानाथ कुमार बीमार छोटी बहन को दिखाने सदर अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आज दिन भर का समय बर्बाद हो गया। अब निजी नर्सिंग होम में ही इलाज करवाना पड़ेगा।          हालांकि जब उन्हें इमरजेंसी वार्ड में इलाज होने की जानकारी दी गई तो वे बहन को इमरजेंसी वार्ड ले गए। जहां मौजूद चिकित्सक ने उनकी इलाज किया। वही कहरा प्रखंड क्षेत्र के दिवारी गांव निवासी सागर यादव अपनी पत्नी अरुणा देवी के साथ सदर अस्पताल पहुंचे थे। उन्हें भी निराशा हाथ लगी। उन्होंने बताया कि अब वे लोग घर वापस चले जाएंगे। सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के सलखुआ गांव निवासी रामभरोस यादव खुद अपना इलाज कराने पहुंचे थे। ओपीडी के बंद होने से उनका इलाज नहीं हुआ। हालांकि उन्हें चर्म रोग से संबंधित बीमारी थी। ऐसे में उनका इलाज इमरजेंसी वार्ड में भी नहीं हुआ। जिसके बाद वे निराश होकर वापस घर लौट गए। उन्होंने कहा कि अब शुक्रवार को ही इलाज हो पाएगा। सदर अस्पताल उपाधीक्षक एसपी विश्वास ने बताया कि बीते दिनों कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हुए महिला चिकित्सक की रेप और निर्मम हत्या के विरोध में सदर अस्पताल में नियुक्त सभी चिकित्सकों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया था। मरीज को परेशानी हुई है। कुछ मरीजों का इमरजेंसी में इलाज हुआ है।

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