पहली तिमाही में 1320 बच्चे एनआरसी में हुए भर्ती

पटना:-दो महीने का बच्चा मोहित कम वजनी था। उसे पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ले जाया गया। 15 दिन तक डाइट चार्ट और उसके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी गयी। नतीजतन उसके वजन में करीब 500 ग्राम की बढ़ोतरी हुई। उसके स्वास्थ्य में चढ़ाव की मुख्य वजह एनआरसी बनी। जिसे पोषण पुनर्वास केंद्र भी कहते हैं। राज्य में फिलहाल 20 बेड वाले ऐसे करीब 38 पोषण पुनर्वास केंद्र चल रहे हैं, जिनमें कुपोषित बच्चों का उपचार किया जाता है। वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इसमें काफी सुधार आया है। इसमें राज्य ने पहली तिमाही के लक्ष्य 4560 के विरुद्ध 1320 बच्चों के कुपोषण को दूर किया है। हालांकि इसमें भी ठोस सुधार की भी जरूरत है। मालूम हो कि बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। यह बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ ही शिशु मृत्यु दर को भी प्रभावित करता है। अति गंभीर कुपोषण वाले 10 प्रतिशत बच्चों के पुनर्वास की हो सकती है व्यवस्था:-नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे पांचवें के अनुसार बिहार में पांच वर्ष तक के 8.8 प्रतिशत बच्चे अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित हैं।           इनमें लगभग 10 प्रतिशत बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर पुनर्वास की व्यवस्था हो सकती है। वर्ष 2024-25 के प्रथम तिमाही में एनआरसी में बच्चों की भर्ती के लक्ष्य में कटिहार, भागलपुर, लखीसराय और मुजफ्फरपुर शीर्ष चार पर हैं। जिनमें लक्ष्य के विरूद्ध भागलपुर ने सबसे ज्यादा 87 प्रतिशत बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया। स्वास्थ्य विभाग निर्देशों में दिखी गंभीर:-विभाग ने लक्ष्य के अनुरूप बच्चों की भर्ती के लिए कुछ आवश्यक सुझाव भी दिए हैं, जिनमें ओपीडी, आईपीडी और आरोग्य सत्र दिवसों पर सैम की स्क्रीनिंग को सुदृढ़ करने, भर्ती बच्चों एवं उनके अभिभावक को उचित वातावरण हेतु आवश्यक व्यवस्था यथा भर्ती क्षेत्र किचन, शौचालय, स्नानागार की साफ सफाई, सभी स्थानों पर पर्याप्त रोशनी उचित तापमान, एनआरसी स्टाफ का उचित व्यवहार, खेलने के लिए आवश्यक खिलौने एवं लर्निंग मटेरियल की व्यवस्था के अलावा एनआरसी में मानदंड के अनुसार आहार देने के अलावा अन्य सुविधाएं भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कुपोषित बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ है पोषण पुनर्वास केंद्र:-पोषण पुनर्वास केंद्र में कार्यरत डायटीशियन चित्रा मिश्रा कहती हैं कि कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। यहां उन्हें एफ 75 और एफ 100 के अनुरूप आहार दिया जाता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा निरंतर चेकअप की व्यवस्था होती है। फीडिंग के लिए भी विशेषज्ञ होते हैं। यह सारी सुविधा निशुल्क होती है। यहाँ एक ऐसा माहौल दिया जाता है, जिससे बच्चे को अपने वजन को संतुलित करने में सुविधा होती है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com