यूपीएचसी पर गुणवत्तापूर्ण सेवा बरकरार रखना जरूरी:-डीपीसी

सासाराम:-परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है है। इसको बढ़ावा देने के लिए सहयोगी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है जिससे बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे है। इसी को लेकर शुक्रवार को सासाराम स्थित एक निजी होटल में सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मास्टर कोच मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बढ़ी सुविधाओं की वजह से उक्त स्वास्थ्य केंद पर लोगों की बढ़ती संख्या पर चर्चा किया गया। साथ ही इसे और बेहतर करने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा किया गया। बैठक में पीएसआई इंडिया के जिला प्रबंधक(शहरी) शैलेश तिवारी ने बताया कि परिवार नियोजन में हम कैसे बेहतर करें उसपर लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फैमिली प्लानिंग को और बेहतर करने के लिए जरूरी है में उपभोक्ता द्वारा कौन सी सुविधा की मांग की जा रही और हम कैसे उसे पूरा कर सकते है। इसके लिए आशा कर्मी एवं ए एनएम को भी लगातार क्षमता वर्धन किया जा रहा है। ओपीडी बढ़ाने पर दिया गया बल: सदर अस्पताल में भीड़ को कम करने के साथ साथ लोगों को अपने घर के नजदीक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ओपीडी को बढ़ाने के लिए बल दिया गया। बैठक में मौजूद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सकों से अपील किया गया कि अपने अपने केंद्र पर अधिक से अधिक ओपीडी को बढ़ावा दिया जाए। प्रत्येक माह के 9 तारीख को होने वाली प्रधानमंत्री मातृत्व जांच में भी गुणवत्तापूर्ण जांच पर बल दिया गया।           डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व जांच को लेकर आने वाली गर्भवती महिलाओं का बेहतर और गुणवत्ता पूर्व जांच हो इसपर भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मातृत्व जांच में सीवियर एनीमिक पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने वहां मौजूद चिकित्सकों से कहा कि अपने स्तर से सीवियर एनीमिक की जांच जरुर करें ताकि जिले में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की पहचान हो सके। यूपीएचसी पर भी एनीमिया की पहचान पर दिया जाए बल:- डीपीसी संजीव मधुकर ने कहा कि मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार ने कई पहल किए हैं इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया गया है और उसी के दिशा निर्देश पर कई कार्य किया जा रहे हैं, जिसमें एनीमिया पीड़ित गर्भवती महिलाओं की पहचान करना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व जांच के दौरान एनीमिया पीड़ित की पहचान आदि होती है तो उनका इलाज और काउंसलिंग करना जरूरी हो जाता है, इसलिए उन्होंने सभी चिकित्सा पदाधिकारी से अपील किया की मातृत्व जांच के दौरान एनीमिया जांच पर अधिक बल दें। मौके पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बौलिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहित कुमार, यूपीएचसी तकिया के डॉक्टर बृजेश कुमार, यूपीएचसी ईदगाह डेहरी के डॉक्टर राजू मौर्य के अलावा पीपीसी संजीव मधुकर, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अमित कुमार, जिला लेखा प्रबंधक अभिजीत गौरव, पीएसआई इंडिया के ज्ञान प्रकाश पांडे, प्रिया तिवारी, बीएमएनई अविनाश श्रीवास्तव, जिला शहरी सलाहकार तारिक अनवर के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com