पोषण भी, पढ़ाई भी थीम के साथ जिले में हुई पोषण पखवाड़ा की शुरुआत

बक्सर:-जिले में कुपोषण से लड़ने और आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता के लिए पोषण पखवाड़ा की शुरुआत की गई। इस बार पोषण पखवाड़ा की थीम ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ है। 23 मार्च तक चलने वाले इस पखवाड़ा के दौरान जिले में स्वस्थ पोषण संबंधी और स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं व बच्चों में जागरूकता लाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पोषण पखवाड़ा के दौरान समग्र रूप से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करने वाली महिलाओं, किशोरियों और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पोषण स्तर में अपेक्षित सुधार लाने एवं 3 से 6 वर्ष के बच्चों के प्रारंभिक देखभाल एवं शिक्षा के प्रति समुदाय को संवेदनशील बनाने को लेकर जन भागीदारी से गतिविधियों का आयोजन कर जन आंदोलन रूप दिए जाने का प्रयास किया जाएगा। पोषण पखवाड़ा में तीन विषयों पर आधारित होगी। जिसमें ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ थीम के अंतर्गत पोषण के साथ-साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के तहत आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं स्कूल जाने से पहले की तैयारी करने के लिए जागरूक किया जाएगा।           बदलाव लाने में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी आगे आएं:-जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रंजना कुमारी ने बताया कि पखवाड़ा की पूरी अवधि में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कैलेंडरवार गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिसमें खाद्य प्रणालियों, स्वच्छता, उन्होंने जिले के आंगनबाड़ी केंद्र के पोषण क्षेत्र की महिलाओं से आह्वान किया कि पोषण से जुड़ी आदत में बदलाव लाने में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी आगे आएं। हम सब मिलकर एक सुपोषित सारण का निर्माण करेंगे। उन्होंने बताया कि समुदाय के पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए पारंपरिक और स्थानीय आहार विविधता को अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा। गर्भवती, धात्री, महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं शिशु व बच्चों के आहार संबंधी व्यवहार का अभ्यास करने के लिए जागरूक किया जाएगा। पोषण पखवाड़ा के सफलता पूर्वक आयोजन करने के लिए प्रतिदिन प्रतिवेदनों, आंकड़ों को जन आंदोलन डैशबोर्ड पर दिए गए लिंक पर अपलोड भी लेख कराया जाएगा। विभिन्न कार्यक्रमों की तैयार की गई है रूपरेखा:-राष्ट्रीय पोषण मिशन के डीसी महेंद्र कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े के अंतर्गत जिलेवासियों को जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं एवं वृत्त पर्यवेक्षकों ने गर्भवती और धात्री महिलाओं और बच्चों के घरों का भ्रमण किया। गृह भ्रमण लाभार्थियों से सीधे संपर्क करना, देखभाल कर्ताओं और परिवारों की पोषण समझ को जानने, उन्हें जागरूक करने और पोषण प्रगति पर फीडबैक लेने का महत्वपूर्ण साधन हैं।उन्होंने बताया कि इस दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं के गृह भ्रमण को जागरूकता के एक महत्वपूर्ण उपकरण (साधन) के रूप में स्थान दिया गया है। जिससे नवजात एवं कुपोषित बच्चों की वृद्धि और विकास का घर घर जाकर आकलन कर परिवार को जागरूक किया जाए। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों एवं घरों में पोषण वाटिकाएं लगाने पर बल दिया जायेगा।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com